Thursday, May 28, 2020

मध्य प्रदेश कृषको के प्याज विक्रय हेतु

मुख्यमंत्री कृषक प्याज योजना के तहत प्याज बेचने के लिए 7 जून तक पंजीयन करायें By Kisan Samadhan -May 30,

          201969059 मुख्यमंत्री कृषक प्याज योजना 2019-20 के तहत पंजीयन मुख्यमंत्री कृषक प्याज योजना वर्ष 2019 – 20 में प्याज उत्पादक किसानों से प्याज की खरीदी के लिए 77 कृषि उपज मंडी / up मंडी अधिसूचित की गई है | साथ ही ई – उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन की अंतिम तिथि 30 मई से बढ़कर 7 जून कर दी गई है |  किसान प्याज बेचने के लिए पंजीयन कहाँ करायें ? मध्य प्रदेश के प्याज उत्पादक किसान उधानिकी विभाग, कृषि उपज मंडी तथा सहकारी समितियों से पंजीयन के लिए फार्म प्राप्त कर सकते हैं | अधिसूचित मंडियों में पंजीयन एवं उपार्जन के लिए उद्यानिकी विभाग के अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है | किसानों के लिए प्रदेश में 77 मंडियों को अधिसूचित किया गया है | किसान प्याज इन मंडी में बेच सकेंगे ? किसान कल्याण तथा कृषि विभाग द्वारा भोपाल मण्डी, सीहोर में सीहोर मंडी और आष्टा रायसेन में रायसेन विदिशा में विदिशा मंडी, राजगढ़ में नरसिंहगढ़ मंडी, जीरापुर , सारंगपुर, ब्यावर, माचलपुर खरगौन में बडवाह, बैतूल में बैतूल मंडी हरदा में हरदा तथा टिमरनी मण्डी इंदौर में इंदौर मंडी, संयोगितागंज (छावनी) उप मंडी, महू, सांवेर गौतमपुरा मंडी धार में राजगढ़ तथा बदनावर मंडी खण्डवा में खण्डवा तथा पंधाना मंडी उज्जैन में उज्जैन , तराना , बडनगर, खाचरौद मंडी, देवास में देवास, सोनकच्छ , हाटपिपल्या मंडी नीमच में नीमच, मनसा मंडी शाजापुर में शाजापुर, शुजालपुर मंडी तथा पोलायकलां (अकोदिया), कालापीपल, मोहन बडोदिया आगर मालवा में सोयतकलां , आगर, सुसनेर मंडी मंदसौर में मन्दसौर, सीतामऊ मंडी रतलाम में रतलाम, जावरा सैलाना मंडी ग्वालियर में लश्कर, डबरा मंडी दतिया में दतिया मंडी गुना में गुना मंडी शिवपुरी में शिवपुरी, कोलारस मंडी भिण्ड में गोहद मंडी मुरैना में मुरैना, पोरस मंडी श्योपुर में श्योपुर मंडी सागर में सागर मंडी छिंदवाडा में छिंदवाडा मंडी नरसिंहपुर में गाडरवारा मंदी रीवा में रीवा मंडी सतना में सतना मंडी सिंगरौली में सिंगरौली मंडी अनुपपुर में अनुपपुर मंडी झाबुआ में पेटलावद तथा थांदला मंडी बडवानी में सेंघवा तथा राजपुर मंडी बुरहानपुर में बुरहानपुर कृषि उपज मंडी यह भी पढ़ें   मौसम विभाग ने की भविष्‍यवाणी सही समय पर आएगा मानसून यह सभी मंडियों में मध्य प्रदेश के पंजीकृत किसानों से प्याज खरीदा जायेगा |

Source: मुख्यमंत्री कृषक प्याज योजना के तहत प्याज बेचने के लिए 7 जून तक पंजीयन करायें - Kisan Samadhan (https://kisansamadhan.com/registration-under-chief-minister-farmers-onion-scheme-2019-20/)

Wednesday, May 27, 2020

गर्मी में स्नान के आनंद लेते नाग देव.

भीषण गर्मी में स्नान के आनंद ही कुछ अलग है.

    इस वीडियो में नागराज गर्मियों का लुफ्त उठाते नजर आ रहे हैं इससे गर्मी के बढ़ते तापक्रम का अनुमान लगाया जा सकता है
और अगर ऎसे मे लोक डाउन ना होता तो तापक्रम कुछ और ही होता .

Friday, May 22, 2020

चलते ट्रैकर मे लगी आग

चलते ट्रैकर मे लगी आग,
      किसान भाईयो वर्तमान समय में तापमान अधिक है और इस समय ट्रैक्टर आदी यंत्र जो कि उपयोग के समय गर्म हो जाते हैं उनको सतत लंबे समय तक उपयोग ना करे.
एवं समय समय पर उनके मुख्य भाग जेसे डीज़ल नली आदि को जांच ले और कुछ भी खराबी दिखने पर उसके साथ जुगाड ना करे उसे बदल दे ताकी इस तरह की घटना ना हो सके

Thursday, May 21, 2020

टिड्डी दल से बचाव और सतर्कता के लिए निर्देश जारी

टिड्डी दल से बचाव और सतर्कता के लिए निर्देश जारी
20 मई 2020, भोपाल: मध्य प्रदेश के कृषि संचालक, द्वारा राजस्थान की सीमा से लगे मंदसौर, नीमच तथा उज्जैन जिले के कुछ क्षेत्रों में टिड्डी दल के आने की जानकारी मिलने  पर बचाव और सतर्कता के लिए निर्देश जारी किये हैं।

टिड्डी दल से होने वाले नुकसान को देखते हुए इन जिलों के किसानों को सलाह दी गयी है कि वे अपने स्तर पर समूह बनाकर खेतों में रात के समय निगरानी करें। शाम 7 से 9 बजे के बीच टिड्डी दल रात्रि विश्राम के लिए कहीं भी बैठ सकता है, जिसकी पहचान एवं जानकारी के लिए स्थानीय स्तर पर दल का गठन कर सतत् निगरानी रखें।
टिड्डी दल का प्रकोप होने पर तत्काल स्थानीय प्रशासन और कृषि विभाग से संपर्क कर जानकारी दें। किसान भाई टोली बनाकर विभिन्न तरह के पारंपरिक उपाय जैसे शोर मचाकर, अधिक ध्वनि वाले यंत्रों को बजाकर या पौधों की डालों से अपने खेत से टिड्डी दलों को भगा सकते हैं
किसी क्षेत्र में शाम को टिड्डी दल का प्रकोप हो गया हो तो सुबह 3 बजे से 6 बजे तक तुरंत अनुशंसित कीटनाशी दवाएँ जैसे – क्लोरपॉयरीफॉस 20 ई.सी. 1200 मिली. या डेल्टामेथरिन 2.8 ई.सी. 600 मिली. अथवा लेम्डासाईहेलोथ्रिन 5 ई.सी. 400 मिली., डाईफलूबिनज्यूरान 25 डब्लयू.टी. 240 ग्राम प्रति हैक्टेयर 600 लीटर पानी में मिलाकर ट्रैक्टर चलित स्प्रे-पंप (पॉवर स्प्रेयर) द्वारा छिड़काव करें। टिड्डी दल के आक्रमण के समय यदि कीटनाशी दवा उपलब्ध न हो तो ट्रैक्टर चलित पॉवर-स्प्रे के द्वारा तेज बौछार से भी दल को भगाया जा सकता है।

                                                           News Source- Krishak Jagat

Wednesday, May 13, 2020

मिट्टी का स्वास्थ्य । (Soil health) by Nitesh Jasani microbiologist


            मिटटी का स्वास्थ  (Soil health) के बारे बताते हुए श्री नितेश जसानी जी microbiologist इंदौर | विडियो के                                                    
                                           यहाँ क्लिक करे        विडियो

Friday, May 1, 2020

सब्सिडी पर फर्टिलाइजर लेने के लिए अब नहीं लगाना होगा अंगूठा

सब्सिडी पर फ़र्टिलायज़र के लिए अब अँगूठा नहीं लगाना पड़ेगा





नई दिल्ली। केंद्रीय उर्वरक मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के चलते निर्देश जारी किए हैं कि कृषकों की सुविधा के लिए डीबीटी में अब वोटर कार्ड या किसान क्रेडिट कार्ड के नंबर और नाम के साथ भी उर्वरक विक्रय किया जा सकता है।
भारत सरकार के उर्वरक मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री धरमपाल ने पत्र क्रमांक 15011/02/20 20- डीबीटी दिनांक 27 अप्रैल 2020 के माध्यम से सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुख सचिव कृषि को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।


उल्लेखनीय है कि उर्वरक अनुदान के लिए एक मार्च 2018 से उर्वरक मंत्रालय द्वारा डीबीटी योजना लागू की गई है। जिसके लिए पूरे देश में 2 लाख 27 हजार पीओएस मशीन उर्वरक रीटेल विक्रय केंद्रों पर स्थापित की गई थी। पीओएस मशीन पर किसान के अंगूठे के बायोमेट्रिक इंप्रेशन से आधार की पहचान कर उर्वरक अनुदान का वितरण किया जाता है।
डीबीटी की नई व्यवस्था- आधार आधारित बिना बायोमेट्रिक पहचान के उर्वरक विक्रय की नई व्यवस्था इस प्रकार है-१) सर्वप्रथम रिटेलर को कंप्यूटर पर नो ऑप्शन को चुनना होगा
२) उसके बाद खरीददार का नाम, केसीसी / इलेक्शन कार्ड का नंबर तथा 00 के साथ आधार नंबर लिखना होगा।
३) रिटेलर को ध्यान रखना होगा कि खरीदार का नाम आधार कार्ड के अनुसार ही हो।
हालाँकि केन्द्र सरकार का प्रयास है कि देश भर में अधिक से अधिक उर्वरक बिक्री बायोमेट्रिक सत्यापन पर हो ।वहीं आसाम और जम्मू कश्मीर इस व्यवस्था से मुक्त हैं। इसके अलावा उर्वरक मंत्रालय ने विक्रेताओं को कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए सभी आवश्यक दिशा निर्देशों का पालन करने का कहा ।

News sources = कृषक जगत 

Bayer joins hands with AgroStar for home delivery of seeds and crop protection products

Bayer has partnered with AgroStar, a Pune-based e-commerce firm in the farm input space, to deliver seeds and crop protection products directly to the farmer’s doorsteps.

Farmers in North, West and Central India can now order Bayer’s seeds and crop protection products for their entire crop lifecycle and receive agronomic advisory through AgroStar’s digital agri-tech platform, the company said. Bayer plans to extend the home delivery option to other parts of the country in the future.

With agri-input shops remaining partly shut, AgroStar is fulfilling farmers’ orders through its over 500 strong network of last-mile delivery partners, who are doing doorstep delivery of agri-inputs. More than 15,000 farmers have benefitted from this service and have avoided stepping out to buy agri-inputs ahead of the kharif season, Bayer said.

“We are happy to partner with AgroStar and serve farmers during the current difficult situation and even beyond. The Go-to-Market approaches in the Indian agri-input industry have been static over the last five decades. With the rise of digitalisation, the industry will witness very dynamic shifts over the next few years,” said Simon Wiebusch, Chief Operating Officer for Bayer India’s Crop Science Division.

“With increasing incidence of online e-commerce platforms, the trend is fast catching up in the agricultural space and is here to stay. We want to provide farmers diverse choices beyond the traditional services they rely on and create a more customer-centric experience,” Weibusch added.

Shardul Sheth, CEO and Co-Founder of AgroStar, said the good quality agri-inputs, coupled with our digital agronomy solutions, have the potential to significantly increase farm productivity and farmer incomes.

Thursday, April 30, 2020

सब्जी बेचने वाले किसानो के लिए महत्वपूर्ण पोस्ट

किसान निम्न व्यापरियों को बेच सकता है अपनी सब्जियाँ 


कृषक भाईयों को सूचित किया जाता है कि नीचे दिए गए व्यापारियों को जिला प्रशासन ने इंदौर शहर में सब्जी उपलब्ध कराने की अनुमति प्रदान की है । अतः किसान भाई इन व्यापारियों से संपर्क कर अपने पास उपलब्ध सब्जी विक्रय की चर्चा कर सकते है व्यापारियों के मोबाइल नंबर इस प्रकार है -

तरुण माली 9827340070
नवीन भिलवाड़े 9826644155
पवन दौर 9827221249
किशोर खेरिया 8839592664
एकता वेजटेबल 9827340070
सचिन बिंजवा 9926076877
अशोक चौधरी 9425077119
श्री चंद्र बजाज 9826095566
अंकित भिलवाड़े 9826644155
शक्ति विरहे 9826210921
नवीन मालाकार 9303211946
अखिलेश दौर 9131849691
पवन विरहे 9826013929
श्रीराम वेजटेबल कंपनी 9826644155
राजू भतकारिये 6264526818

Sunday, April 26, 2020

अमृत घोल ( Amrit Ghol) खेती में जान फूंक दे.

अमृत घोल


अमृत घोल की विशेषता 


01. मिट्टी में मुख्य पोषक तत्व (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश) के जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि करता है।
02. शीघ्र तैयार होने वाली खाद है।
03. मिट्टी को पोली करके जल रिसाव में वृद्धि करता है।
04. मिट्टी को भुरभुरा बनाता है तथा भूमि की उत्पादकता में वृद्धि करता है।
05. फसलों पर कीट व रोगों का प्रकोप कम करता है !
06. स्थानीय संसाधनों से बनाया जा सकता है।
07. इसको बनाने की विधि सरल व सस्ती है।

आवश्यक सामग्री,

गौमूत्र-----1 ली. (देशी गाय)
गोबर------1 कि. ग्रा.
मक्खन-----250 ग्राम
गुड़---------500 ग्राम
शहद--------500 ग्राम
पानी--------10 लीटर
प्लास्टिक का पात्र/मटका------1

बनाने की विधि, 

इन स भी को एक साथ अच्छी तरह मिलाकर किसी पात्र या मटके में 7 से 10 दिन तक छाया में रखें व प्रति दिन सुबह-शाम लकड़ी से हिलाते रहें।
अब 10 लीटर पानी में 1 ली. अमृत घोल मिला कर बुआई से दो दिन पूर्व व दूसरी गुड़ाई के बाद खेत में छिड़काव करें।
 _ध्यान रखें कि इसके साथ किसी प्रकार की रासायनिक खाद, कीटनाशक या खरपतवार निवारक दवा का उपयोग न किया जाये_

उपयोग ,

▶1 बीघा भूमि के लिए 16 ली. अमृत घोल में 200 लीटर पानी मिला कर छिड़काव करें!
▶बीज बुआई से दो दिन पूर्व व दूसरी गुड़ाई के बाद इसका छिड़काव करें।

नोट - अगर किसी किसान भाईयो को कोई जानकारी अच्छी लगती है तो उसे आप अपनी डायरी में नोट जरूर करते जाये ताकि उपयुक्त समय पर आपके काम आ सके और इस लिंक को शेयर करे ताकी अन्य किसानो तक भी यह पहुच सके  !



https://www.facebook.com/OurAgricultureKnowledge/


Friday, April 24, 2020

भुसा भरने की देशी जुगाड

खेत मे फसल कटाई के बाद बचे भूसे को ट्रॉली मे भरने की देशी जुगाड  यह लगभग 20 - 30 हजार की लागत में लोकल लेबल पर बनाया जा सकता है जिसकी हाइट लग भग 20 से 25 फिट तक रखनी चाहिए जो कि लग भग 500 kg तक बजन उठा सकती है 

Tuesday, April 21, 2020

Our Agriculture Knowledge के सम्बन्ध में

नमस्कार किसान भाईयो ,
            यह हमारे Our Agriculture Knowledge के ब्लॉग का पहला पोस्ट हे. हमारा इस पोस्ट का मुख्य उद्धेश्य हमारे बारे में हमारे उद्धेश्य के बारे में आप सभी को अवगत कराना है .

हमारे कार्य 

         हम पिछले 6 सालो से Facebook पेज Our Agriculture Knowledge के माध्यम से हम सोशल साइड से मिलने बाली जानकारी विडियो ओर पोस्ट को उन सभी किसानों तक निस्वार्थ पहुचा रहे जो कि किसान को कुछ नया करने या खेती मे सुधार करने मे मदद कर सके. और हमे खुसी है कि हमारे द्वारा डाली गई पोस्ट भारत ही नहीं अपितु भारत के बाहर के देशो मे भी काफी देखी जाती है और उसी का परिणाम है कि भारत के अलावा अन्य देशों के लोग भी पेज पर सक्रिय हो रहे हैं. आप भी अगर हमारे द्वारा डाली जा रही जानकारी देखना चाहते हैं  तो हमारे Facebook पेज Our Agriculture Knowledge पर like करे ताकी आपको सारी जानकारी मिल सके.

 हमारी टीम 

           किसान भाईयो हमारी टीम मे काफी अनुभवी लोग जुड़े हैं जो कृषि खाद बीज़ दवाई की कंपनी मे फील्ड से लेकर उच्च अधिकारी पद पर पदस्थ हे  कुछ कृषि विभाग में हे, कुछ कि स्वयं की Pesticide की दुकान हे ओर कुछ लोग किसानो को पोली हाउस मे खेती के लिए Agronomist सर्विस प्रदान कर रहे हे   यहाँ किसी का भी उद्धेश्य पेसा कमाना नहीं है  सिर्फ किसान के खर्च को कम कर अधिक उत्पादन करवाना और उन्हें नई तकनीक आदि की उचित सलाह प्रदान करना है. 

 हमारा उद्देश्य 

            हमारा उद्धेश्य आने बाले समय मे हम कृषि संबंधित एसी जानकारी आप तक उपलब्ध करवा पाय जिनसे आप कृषि मे अधिक मुनाफा कमा पाय जो की कुछ सीमित क्षेत्र में की जाती हो और उसका किसान अच्छा फायदा ले रहे हो  और इस तरह की पोस्ट भी डाले जो कि देशी जुगाड बाली हो ताकी उनसे आप भी अपने खर्च मे कमी कर सके  !
       

     











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