नई दिल्ली। केंद्रीय उर्वरक मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के चलते निर्देश जारी किए हैं कि कृषकों की सुविधा के लिए डीबीटी में अब वोटर कार्ड या किसान क्रेडिट कार्ड के नंबर और नाम के साथ भी उर्वरक विक्रय किया जा सकता है।
भारत सरकार के उर्वरक मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री धरमपाल ने पत्र क्रमांक 15011/02/20 20- डीबीटी दिनांक 27 अप्रैल 2020 के माध्यम से सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुख सचिव कृषि को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।
उल्लेखनीय है कि उर्वरक अनुदान के लिए एक मार्च 2018 से उर्वरक मंत्रालय द्वारा डीबीटी योजना लागू की गई है। जिसके लिए पूरे देश में 2 लाख 27 हजार पीओएस मशीन उर्वरक रीटेल विक्रय केंद्रों पर स्थापित की गई थी। पीओएस मशीन पर किसान के अंगूठे के बायोमेट्रिक इंप्रेशन से आधार की पहचान कर उर्वरक अनुदान का वितरण किया जाता है।
डीबीटी की नई व्यवस्था- आधार आधारित बिना बायोमेट्रिक पहचान के उर्वरक विक्रय की नई व्यवस्था इस प्रकार है-१) सर्वप्रथम रिटेलर को कंप्यूटर पर नो ऑप्शन को चुनना होगा
२) उसके बाद खरीददार का नाम, केसीसी / इलेक्शन कार्ड का नंबर तथा 00 के साथ आधार नंबर लिखना होगा।
३) रिटेलर को ध्यान रखना होगा कि खरीदार का नाम आधार कार्ड के अनुसार ही हो।
२) उसके बाद खरीददार का नाम, केसीसी / इलेक्शन कार्ड का नंबर तथा 00 के साथ आधार नंबर लिखना होगा।
३) रिटेलर को ध्यान रखना होगा कि खरीदार का नाम आधार कार्ड के अनुसार ही हो।
हालाँकि केन्द्र सरकार का प्रयास है कि देश भर में अधिक से अधिक उर्वरक बिक्री बायोमेट्रिक सत्यापन पर हो ।वहीं आसाम और जम्मू कश्मीर इस व्यवस्था से मुक्त हैं। इसके अलावा उर्वरक मंत्रालय ने विक्रेताओं को कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए सभी आवश्यक दिशा निर्देशों का पालन करने का कहा ।
News sources = कृषक जगत
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